मल्टी-टास्किंग आपकी क्षमताओं को कम करती है.
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एक बहुत पुरानी कहावत है, JACK OF ALL AND MASTER OF NONE.
I do agree with the fact that MULTITASKING IS NOTHING BUT KILLING YOUR PRODUCTIVITY.
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एक बहुत पुरानी कहावत है, JACK OF ALL AND MASTER OF NONE.
I do agree with the fact that MULTITASKING IS NOTHING BUT KILLING YOUR PRODUCTIVITY.
अक्सर ऐसा होता है, कि हम एक ही समय में बहुत सारी चीज़ें करने लगते हैं,
और ये कहीं ना कहीं, हमारे उस मास्टर स्ट्रोक से हमें दूर ले जाता है, जो
कि ज़रूरी है, मास्टरी हासिल करने के लिए.
डार्विन का स्पीशीज को लेकर ओबसेशन ही उन्हें कालजई डार्विन बनाता है, सचिन का मास्टर ब्लास्टर बनना उनके बैट से निकले उनके असंख्य मास्टर स्ट्रोकस का ही नतीजा है.
पर अक्सर ऐसा होता नही है, जैसे मेरे एक दोस्त ने मुझे सलाह दी, कि अगर मैं प्रेरक वक्ता के रूप में अपने आप को VISUALIZE करता हूँ, तो शायद मेरे लिए मेरे उस ख्वाब को हासिल करना आसान होगा, जिसके लिए मैं COMMITTED हूँ.
पर मेरा भी कहीं ना कहीं मन भटक जाता है, अब जैसे मेरा गीतों और कविताओं के सृजन से प्यार. लाख रोकूँ कि अब नही पर कलम रूकती ही नही.....और कुछ ना कुछ सृजनात्मक हो ही जाता है.
अब कल वसंत पंचमी से अपने आप को रोक रहा था, कि कुछ नही लिखूंगा, पर सॉरी, नही रोक पाया......और कलम ने ये सृजन कर ही डाला...
फिर भी मेरा ऐसा मानना है, की परफेक्शन के लिए हमें मल्टी टास्किंग से दूर भागना होगा, कारण साफ़ है, बहुत थोडा वक़्त है, और बहुत कुछ करना है जीवन में....
तो आज के सृजन पर गौर किया जाए /// लीजिये आप के लिए...
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डार्विन का स्पीशीज को लेकर ओबसेशन ही उन्हें कालजई डार्विन बनाता है, सचिन का मास्टर ब्लास्टर बनना उनके बैट से निकले उनके असंख्य मास्टर स्ट्रोकस का ही नतीजा है.
पर अक्सर ऐसा होता नही है, जैसे मेरे एक दोस्त ने मुझे सलाह दी, कि अगर मैं प्रेरक वक्ता के रूप में अपने आप को VISUALIZE करता हूँ, तो शायद मेरे लिए मेरे उस ख्वाब को हासिल करना आसान होगा, जिसके लिए मैं COMMITTED हूँ.
पर मेरा भी कहीं ना कहीं मन भटक जाता है, अब जैसे मेरा गीतों और कविताओं के सृजन से प्यार. लाख रोकूँ कि अब नही पर कलम रूकती ही नही.....और कुछ ना कुछ सृजनात्मक हो ही जाता है.
अब कल वसंत पंचमी से अपने आप को रोक रहा था, कि कुछ नही लिखूंगा, पर सॉरी, नही रोक पाया......और कलम ने ये सृजन कर ही डाला...
फिर भी मेरा ऐसा मानना है, की परफेक्शन के लिए हमें मल्टी टास्किंग से दूर भागना होगा, कारण साफ़ है, बहुत थोडा वक़्त है, और बहुत कुछ करना है जीवन में....
तो आज के सृजन पर गौर किया जाए /// लीजिये आप के लिए...
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